किसी भी उम्र में हो सकता है एपेंडिसाइटिस
सेहतराग टीम
एपेंडिसाइटिस (उपांत्र शोथ) एपेंडिक्स में सूजन आ जाने की स्थिति को कहते हैं। एपेंडिक्स एक छोटी सी ट्यूब की तरह का अंग होता है, जो कि हमारी बड़ी आंत से जुड़ा होता है। एपेंडिसाइटिस की अवस्था एपेंडिक्स के अंदर कोई भी रुकावट आने के कारण पैदा होती है। यह रुकावट, दबाव और सूजन में बढ़ोतरी को विकसित करती है। एपेंडिसाइटिस किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह बचपन और किशोरावस्था के दौरान अधिकत्तर पाया जाता है।
लक्षण
इसका मुख्य लक्षण पेट में दर्द होना है। यह दर्द शुरू में बेहद मंद होता है, लेकिन यह समय के साथ दर्द में वृद्धि होती चली जाती है।
इस समस्या के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:
पेट में सूजन।
भूख में कमी।
मतली और उल्टी।
कब्ज या दस्त।
गैस पास करने में असमर्थता।
लो ग्रेड बुखार।
कारण
एपेंडिसाइटिस होने का कोई सटीक कारण अभी ज्ञात नहीं है। हालांकि, इसका मुख्य कारण एपेंडिक्स के अंदर किसी भी तरह के रुकावट के साथ जुड़ा होता है। इस रुकावट का कारण मल के छोटे-छोटे टुकड़े, शरीर के अंदर और बाहर से प्राप्त हुए सूक्ष्मकण या संक्रमण हो सकते है।
निदान
निदान में संपूर्ण शारीरिक परीक्षण और सावधानी से लक्षणों का अध्ययन शामिल है। यदि रोग की जानकारी स्पष्ट नहीं है, तो प्रयोगशाला परीक्षण और अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन भी किया जा सकता है।
प्रबंधन
आमतौर पर एपेंडिक्स के उपचार में एपेंडिक्स को सर्जिकल/शल्य चिकित्सा द्वारा हटाया जाना शामिल हैं। इस प्रक्रिया को उपांत्र-उच्छेदन या एपेंडेक्टॉमी के रूप में जाना जाता है। एपेंडिक्स को लेप्रोस्कोपिक (कीहोल) सर्जरी के उपयोग द्वारा हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया में, शल्य चिकित्सक एक पतले उपकरण (लैप्रोस्कोप) का उपयोग करता है, जो कि पेट में छोटे चीरे (काटकर) के माध्यम से डाला जाता है। पेट काटकर सर्जिकल/शल्य चिकित्सा करने की आवश्यकता अब समाप्त हो गयी है।
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